छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के अध्यक्ष बीजेपी नेता भूपेंद्र सवन्नी पर वेंडर्स ने काम के बदले 3% कमीशन मांगने का आरोप लगाया है। क्रेडा में काम करने वाले वेंडर्स ने पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सहित पीएमओ में की गई है।
शिकायतकर्ता सुरेश कुमार समेत क्रेडा इकाई के वेंडर्स ने लिखित शिकायत कर आरोप लगाया है कि अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी अपने निज सहायक के माध्यम से कमीशन की मांग कर रहे हैं। वेंडर्स ने ब्लैक लिस्टेड करने की धमकी देने का भी आरोप लगाया है वही शिकायत की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
वेंडरों काआरोप पूर्ण हो चुके काम का कमीशन,ब्लैक लिस्ट करने की धमकी –
वेंडर्स के अनुसार सवन्नी जब से क्रेडा के अध्यक्ष का पदभार सम्हाले है उसके बाद से वैभव दुबे वेंडरो पर दबाव बना रहा है। वेंडर्स से जो काम पूरा हो चुका है उसका 3 प्रतिशत कमीशन मांगा जा रहा है। साथ ही जो वेंडर्स विरोध कर रहे हैं,उनके काम की जांच कराने,उन्हें नोटिस देने और ब्लैक लिस्टेड करने की धमकी दी जा रही है।
जून में वेंडर्स ने की थी शिकायत-
क्रेडा अध्यक्ष और उनके निजी सहायक के खिलाफ वेंडर्स ने 20 जून को शिकायत की थी। एक जुलाई को इसे रिमार्क किया गया है। 8 जुलाई को इस मामले में मुख्यमंत्री सचिवालय ने जांच के निर्देश दिए हैं। जांच के साथ ही पूरी रिपोर्ट जनदर्शन की वेबसाइट में अपलोड करने के लिए कहा गया है। मुख्यमंत्री सचिवालय से जांच के आदेश आते ही शिकायत की कॉपी 29 जुलाई को सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इसके बाद कांग्रेस ने सरकार को घेरा है। वहीं क्रेडा अध्यक्ष पर लगे आरोपों पर बीजेपी की ओर से अब तक कोई अधिकृत बयान जारी नहीं किया गया है, मीडिया से बोले सवन्नी आरोप बेबुनिया।
पीसीसी चीफ दीपक बैज बोले क्रेडा अध्यक्ष सवन्नी की कमीशनखोरी सुशासन का आईना,पूरा सिस्टम भ्रष्ट हो चुका है*-
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि क्रेडा के ठेकेदारों ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर क्रेडा अध्यक्ष भूपेन्द्र सवन्नी द्वारा हर काम में 3 प्रतिशत कमीशन उगाही का आरोप लगाया है तथा कमीशन नहीं देने पर ठेकेदारों को परेशान किया जा रहा है। क्रेडा के ठेकेदारों का यह आरोप छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के सुशासन की असली तस्वीर है। प्रदेश के हर विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है। बिना मोटे कमीशन के राज्य में कोई कार्य नहीं होता है। डेढ़ साल में भी सरकार और मंत्रियों का भ्रष्टाचार खुलकर सामने आने लगा है। मंत्री केवल कमीशन का हिसाब रखने में ही रूचि रखते हैं


