दिनांक 02.08.2025 को सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी दीपक ठाकुर के द्वारा पंडरिया विकासखंड के वनांचल क्षेत्र के ग्राम आगरपानी, बोहिल, सिंगपुर मे संचालित प्राथमिक एव माध्यमिक विद्यालर्यों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान विद्यालयों में रंग रोगन एवं स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिए जाने हेतु संबंधित प्रधान पाठकों को निर्देश दिया गया। मध्यान भोजन अंतर्गत मेनू चार्ट का दीवार लेखन करने हेतु निर्देश दिया गया।विद्यालयो मे मध्यान भोजन मेनू अनुसार संचालित पाया गया ।सभी विद्यालय के शिक्षक उपस्थित मिले।पाठ्य पुस्तक ,गणेश का वितरण हो गया है दैनंदनी बनाने, मध्यान भोजन योजना अंतर्गत प्रतिदिन लाभान्वित हुए छात्र-छात्राओं की जानकारी ऑनलाइन मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से एंट्री करने एवं उच्च कार्यालय द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन करने हेतुप्रधान पाठको को निर्देश दिया गया ।शिक्षा सत्र की शुरुआत के साथ ही विकासखंड पंडरिया में शिक्षा विभाग द्वारा सतत व औचक निरीक्षण की मुहिम तेज़ कर दी गई है। विशेषकर वनांचल क्षेत्र के दूरस्थ शासकीय विद्यालयों में बीईओ एम.के. गुप्ता और एबीईओ दीपक ठाकुर द्वारा सघन निरीक्षण कर शिक्षा व्यवस्था की हकीकत जानी जा रही है।
निरीक्षण के दौरान विद्यालयों में रंग-रोगन, डायरी लेखन, मीनू चार्ट, गणवेश वितरण, स्वच्छता, बुक स्कैनिंग, प्रोग्रेसन, जर्जर भवनों की स्थिति, अनुशासन और मध्यान्ह भोजन जैसे अहम पहलुओं पर अधिकारियों ने आवश्यक निर्देश दिए हैं। वहीं शिक्षक भी अपने कार्यों की जानकारी और समस्याओं को बेझिझक अधिकारियों के समक्ष रख रहे हैं, जिससे संवाद और समाधान की सकारात्मक प्रक्रिया बन रही है।
एबीईओ ठाकुर ने बोहिल, आगर पानी, रुख्मीददार, बाहपानी सिंगपुर जैसे सुदूर वनांचल के साथ ही मैदानी क्षेत्र मैनपुरा, नवागांव, डोमसरा, सिरमागुड़ा में निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान अच्छा कार्य करने वाले शिक्षकों की पीठ भी अधिकारियों द्वारा थपथपाई गई, जिससे शिक्षकों का मनोबल ऊंचा हुआ है।संकुल समन्वयक सभाजीत सिंह ने बताया कि निरीक्षण से न केवल प्रशासनिक कसावट आती है, बल्कि विद्यालय की वास्तविक स्थिति—कमियां व उपलब्धियां—भी सामने आती हैं। यदि यह प्रक्रिया इसी तरह निरंतर जारी रही, तो इसका लाभ सीधे विद्यार्थियों को मिलेगा।
शिक्षा विभाग पंडरिया का यह प्रयास न सिर्फ प्रशासनिक रूप से अनुशासन ला रहा है, बल्कि शिक्षक-प्रशासन-विद्यार्थी के बीच संवाद का सेतु भी बन रहा है। यह पहल सराहनीय है और आने वाले समय में शिक्षा की गुणवत्ता में निश्चित सुधार लाएगी।


