कुकदूर क्षेत्र अंतर्गत समिति कामठी 18 गांवों के किसान 15 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर  समिति अध्यक्ष और प्रबंधक को बर्खास्त करने की मांग,

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कुकदूर क्षेत्र अंतर्गत समिति कामठी 18 गांवों के किसान 15 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर  समिति अध्यक्ष और प्रबंधक को बर्खास्त करने की मांग, धान खरीदी बहिष्कार की चेतावनी
कुकदूर क्षेत्र अंतर्गत पंडरिया, जिला कबीरधाम समिति कामठी पं.क्र.-227 के अंतर्गत आने वाले 18 गांवों के किसानों ने 15 नवंबर 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का एलान किया है। किसानों ने यह निर्णय सामूहिक बैठक में लिया है। हड़ताल का मुख्य कारण समिति अध्यक्ष रामगोपाल (कृष्णा) देवांगन और प्रबंधक रविशंकर श्रीवास पर लगाए गए गंभीर आरोप हैं। किसानों का कहना है कि जब तक इन दोनों को बर्खास्त नहीं किया जाता, वे धान विक्रय और खरीदी प्रक्रिया में भाग नहीं लेंगे।

किसानों ने आरोप लगाया है कि समिति में करोड़ों रुपये की वित्तीय गड़बड़ियां हुई हैं। अध्यक्ष और प्रबंधक के द्वारा समिति को ₹55 लाख का घाटा दिखाया गया, जिसकी जांच की मांग लंबे समय से की जा रही है, पर शासन-प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं हुई। किसानों ने यह भी कहा कि समिति अध्यक्ष के पुत्र राधेश्याम (कृष्णा) देवांगन द्वारा ग्राम मुनमुना निवासी बुधराम श्याम (उम्र 50 वर्ष) को जातिसूचक गाली-गलौज की गई, जिसकी रिपोर्ट थाना कुकदूर में दर्ज है।
किसानों का आरोप है कि राधेश्याम देवांगन समिति का सदस्य नहीं होने के बावजूद स्पेशीमेंट फर्जी बनाना, कार्यवाही रजिस्टर में जालसाजी, किसानों की चेक पर फर्जी हस्ताक्षर और KCC बढ़ाने के नाम पर वसूली जैसे गंभीर अपराधों में शामिल रहा है। किसानों ने इसे छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 49(8) का खुला उल्लंघन बताया है।

किसानों ने एसडीएम पंडरिया को पत्र लिखकर 15 नवंबर से शांतिपूर्ण अनिश्चितकालीन हड़ताल की अनुमति मांगी है और स्पष्ट कहा है कि यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती तो वे धान बिक्री बंद कर उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
इस निर्णय में समिति के सभी गांवों — कामठी, भेडागढ़, , माठपुर, डालामौहा, कडमा, सिंगापुर, मुनमुना, मुंगाडीह सहित 18 गांवों के सरपंचों और किसानों ने हस्ताक्षर कर समर्थन दिया है। किसानों ने चेतावनी दी है कि अब यह आंदोलन केवल समिति स्तर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे प्रदेश के किसान संगठनों तक इसकी गूंज पहुंचेगी।
“जब तक भ्रष्ट पदाधिकारियों को बर्खास्त नहीं किया जाता, तब तक धान नहीं बेचा जाएगा।”

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