राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष पर कुकदूर मंडल में रविवार को शस्त्र पूजन और पथ संचलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर 50 गणवेश धारी स्वयंसेवक और लगभग 70 अन्य लोगों ने सहभागिता की राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में रविवार को पथ संचलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गांव के विभिन्न चौराहो से पथ संचलन कर स्वयं सेवको ने राष्ट्र गौरव,राष्ट्रीय एकता, सनातन धर्म की रक्षा और आत्म रक्षा का संदेश दिया। प्रचारकों ने मां भवानी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए मां भारती के सेवा का संकल्प लिया। प्रांत प्रचारक ने कहा कि शताब्दी वर्ष की अनुभूति हर स्वयं सेवक में नई उर्जा व दायित्व का बोध करा रही है। राष्ट्रीय सेवक संघ ने 2025 में अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे किए।
मुख्य वक्ता ने अपने उद्बोधन में संघ के पांच प्रमुख परिवर्तन क्षेत्रों सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, नागरिक कर्तव्य, स्व का बोध और पर्यावरण संरक्षण पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संघ ने इन्हें समाज निर्माण के आधार स्तंभ के रूप में स्वीकार कर राष्ट्र के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी संघ ने अनुशासन, सेवा और राष्ट्र निष्ठा के सिद्धांतों पर अडिग रहकर शताब्दी वर्ष तक गौरवपूर्ण यात्रा तय की है। कुकदुर मंडल में आयोजित कार्यक्रम में स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत संघ गीत, सुभाषित और अमृत वचन ने वातावरण को प्रेरणादायक और भावपूर्ण बना दिया।