वनांचल क्षेत्र में करोडो रूपये की लागत से बने250 सीटर विशेष पिछड़ी जनजाति छात्रावासो में जाने के लिए कच्ची अथवा पक्की सड़क नहीं है नतीजा कीचड़ युक्त पगडंडी रास्ता से बच्चों,शिक्षको, पालको, ग्रामीणौ, क्षेत्र जनप्रतिनिधि, को आना जाना पड़ता है।
जानकारी के अनुसार पंडरिया ब्लाक ग्राम कुई में (वर्तमान में ग्राम पंचायत लोखान) विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए करोड़ों रुपए की लागत से अलग अलग 250 सीटर दो छात्रावास का निर्माण किया गया है लेकिन इन छात्रावासो के पहुंच के लिए मुख्य मार्ग से छात्रावास तक कच्ची पक्की किसी भी तरह की सड़क का निर्माण नहीं कराया गया है ना ही कोई रास्ता बनाया गया। इस तरह से कच्चा पक्का कोई भी रास्ता नहीं बनाया गया है।वर्तमान मे दोनो छात्रावासो के सामने खुली जगह होने के कारण कहीं से भी छात्रावास तक पहुंचते है ।बरसात में हालात और भी खराब हो जाती है।
वर्तमान में जिसके लिए छात्रावास बना उनको लाभ नहीं-
ग्राम कुई मे 5 वर्ष पूर्व सरकार ने विशेष पिछड़ी जनजाति (बैगा) के बालक बालिकाओ के लिए 250 -250 सीट के दो अलग अलग छात्रावास बनाया गया था ताकि वनांचल क्षेत्र के विशेष पिछड़ी जनजाति के छात्र छात्राओं को इसका लाभ मिलेगा लेकिन अधिकारियो एव जनप्रतिनिधियों की उदासीन रवैया के कारण आजतक छात्रावास प्रारंभ नहीं हो सका था और करोडो की लागत से निर्मित भवन खंडहर हो रहा था इस लिए अधिकारियो ने कुई, कामठी में संचालित आश्रमों को इन भवनो में शिफ्ट कर संचालित कराया जा रहा है।
इसमें एक भवन में आदिवासी बालक आश्रम कुई संचालित किया जा रहा है जबकि दूसरे में आदिवासी कन्या आश्रम कुई एव आदिवासी कन्या आश्रम कामठी संचालित हो रहा है ।।
शिक्षा विभाग एवं आदिम जाति कल्याण विभाग
इन आश्रमो में शिक्षा विभाग एव आदिम जाति कल्याण विभाग दोनों विभाग के अधिकारियों एव कर्मचारियो के आलावा जनप्रतिनिधियों का भी आना-जाना लगा रहता है लेकिन दो विभागो एव जनप्रतिनिधिओ की जानकारी के आने जाने पर भी अभी तक इन छात्रावासो तक पहुचने के लिए सड़क नहीं बनाई जा सकी है। पालकों की मांग है कि इन छात्रावासों तक पहुंचने के लिए कच्ची या पक्की रास्ता बनाया जाना जरूरी है